Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

बुध का जन्म कब, कैसे और कहां हुआ, हैरान रह जाएंगे यह विचित्र कथा पढ़कर

Webdunia
देवताओं के गुरु बृहस्‍पति द्विस्‍वभाव राशियों के अधिपति हैं। इस कारण उनमें भी दोगले स्‍वभाव की अधिकता रहती है। एक दिन बृहस्‍पति की इच्‍छा हुई कि वे स्‍त्री बनें। वे ब्रह्मा के पास पहुंचे और उन्‍हें अपनी इच्‍छा बताई। सर्वज्ञाता ब्रह्मा ने उन्‍हें मना किया। ब्रह्मा ने कहा कि तुम समस्‍या में पड़ जाओगे लेकिन बृह‍स्‍पति ने जिद पकड़  ली तो ब्रह्मा ने उन्‍हें स्‍त्री बना दिया।

ALSO READ: कब, कहां और कैसे जन्मे धरती पुत्र मंगल, पढ़ें पौराणिक कथा
 
रूपमती स्‍त्री बने घूम रहे गुरु पर चंद्रमा की नजर पड़ी और चंद्रमा ने गुरु का बलात्‍कार कर दिया। गुरु हैरान कि अब क्‍या किया जाए। वे ब्रह्मा के पास गए तो उन्‍होंने कहा कि अब तो तुम्‍हे नौ महीने तक स्‍त्री के ही रूप में रहना पड़ेगा। गुरु दुखी हो गए। जैसे-तैसे नौ महीने बीते और बुध पैदा हुए। बुध के पैदा होते ही गुरु ने स्‍त्री का रूप त्‍यागा और फिर से पुरुष बन गए। जबरन आई संतान को भी उन्‍होंने नहीं संभाला।

ALSO READ: ऐसे हुआ सुंदर चमकीले चंद्रदेव का जन्म, पढ़ें पौराणिक कथा
 
ऐसे में बुध बिना मां और बिना बाप के अनाथ हो गए। प्रकृति ने बुध को अपनाया और धीरे-धीरे बुध बड़े होने लगे। बुध को अकेला पाकर उनके साथ राहु और शनि जैसे बुरे मित्र जुड गए। बुरे मित्रों की संगत में बुध भी बुरे काम करने लगे। इस दौरान बुध का सम्‍पर्क शुक्र से हुआ। शुक्र ने उन्‍हें समझाया कि तुम जगत के पालक सूर्य के पास चले जाओ वे तुम्‍हे अपना लेंगे। बुध सूर्य की शरण में चले गए और सुधर गए।
 
बुध अपनी संतान को त्‍यागने वाले गुरु और नीच के चंद्रमा से नैसर्गिक शत्रुता रखते हैं। राहु और शनि के साथ बुरे परिणाम देते हैं और शुक्र और सूर्य के साथ बेहतर। सौर मण्‍डल में गति करते हुए जब भी सूर्य से आगे निकलते हैं बुध के परिणामों में कमी आ जाती है और सूर्य से पीछे रहने पर उत्‍तम परिणाम देते हैं। अपनी माता की तरह बुध के अधिपत्‍य में भी दो राशियां है। गुरु के पास जहां धनु और मीन द्विस्‍वभाव राशियां हैं वहीं बुध के पास कन्‍या और मिथुन राशियों का स्‍वामित्‍व है। यह है बुध की कहानी।

ALSO READ: भगवान सूर्यदेव की 10 बातें जो आप नहीं जानते...
ALSO READ: यदि बुध खराब है, तो आजमाएं लाल किताब के ये अचूक उपाय

सम्बंधित जानकारी

ज़रूर पढ़ें

इस धनतेरस अपनी राशि के अनुसार खरीदें ये वस्तुएं, लक्ष्मी माता की कृपा से हमेशा भरी रहेगी तिजोरी

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

दिवाली क्यों मनाई जाती है? जानें इतिहास, महत्व और कहानी

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

किसके लिए नया सप्ताह रहेगा लकी, पढ़ें 12 राशियों का साप्ताहिक राशिफल

सभी देखें

नवीनतम

24 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

24 अक्टूबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

Diwali 2024: धनतेरस और दिवाली पर वाहन खरीदनें के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त | Date-time

Guru Pushya Yoga 2024: गुरु पुष्य नक्षत्र के समय वाहन और सोना खरीदी का शुभ मुहूर्त

Mangal Gochar : मंगल का होगा कर्क राशि में गोचर, 3 राशियों के जीवन में खड़ी होंगी परेशानियां

આગળનો લેખ
Show comments