Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

4 भाव दु:ख के, 3 भाव महादु:ख के और 5 भाव सुख के, जानिए रहस्य

अनिरुद्ध जोशी
गुरुवार, 30 अप्रैल 2020 (18:49 IST)
जीवन में सुख है तो दुख भी है। सांसारिक सुख और दुखों का कोई पार नहीं। कहते हैं कि जो व्यक्ति प्रभु को समर्पित करके बस कर्म पर ही ध्यान देता है वह ग्रहों के फेर को भी पलट देता है। व्यक्ति को अपने कर्म और भाग्य को जगाने का ही प्रयास करना चाहि। आओ जानते हैं कि कौनसा ग्रह और भाव दुख देता है।
 
चार भाव दु:ख के : कुंडली में 12 भाव होते हैं या कहें कि खाने होते हैं। उनमें से 4 भाव दुख के माने गए हैं। ये भाव हैं-  2, 3, 11 और 12.
 
1. दूसरा भाव परिवार, ससुराल और धन का है। मुख, दाहिना नेत्र, जिह्वा, दांत इत्यादि भी इसे देखे जाते हैं।
 
2. तीसरा भाव छोटा भाई-बहन और पराक्रम का है। इसके अलावा धैर्य, लेखन कार्य, बौद्धिक विकास, दाहिना कान, हिम्मत, वीरता, भाषण एवं संप्रेषण, खेल, गला, कंधा, दाहिना हाथ आदि। यह भी लाभ और हानि देते हैं।
 
3. ग्यारहवां आय, संपत्ति, सिद्धि, वैभव, बड़ा भाई-बहन, बायां कान, वाहन, इच्छा और उपलब्धि आदि में लाभ के साथ नुकसान भी।
 
4. बारहवां व्यय, हानि, रोग, दण्ड, जेल, अस्पताल, विदेश यात्रा, धैर्य, दुःख, पैर, बाया नेत्र, दरिद्रता, चुगलखोर, शय्या सुख, ध्यान और मोक्ष का भाव।
 
तीन भाव महादु:ख के : ये तीन भाव है 6, 7 और 8.
 
1. छठा भाव मूलत: रोग और शत्रु का भाव है, लेकिन दु:ख-दर्द, घाव, रक्तस्राव, दाह, अस्त्र, सर्जरी, डिप्रेशन, चोर, चिंता, लड़ाई-झगड़ा, मुकदमा, पाप, भय, अपमान, नौकरी आदि भी देखा जाता है।
 
2. सातवां भाव पति-पत्नि और साझेदारी का भाव है। इससे इच्छाएं, काम वासनाएं, मार्ग, लोक, व्यवसाय भी देखा जाता है।
 
3. आठवां भाव मौत, आयु और वैराग्य का भाव है। लेकिन संकट, क्लेश, बदनामी, दासत्व, गुप्त स्थान में रोग, गुप्त विद्याएं, पैतृक सम्पत्ति, धर्म में आस्था, गुप्त क्रियाओं, चिंता आदि को भी देखा जाता।
 
पांच भाव सुख के : ये पांच भाव हैं- 1, 4, 5, 9 और 10.
 
1. पहला खुद का भाव। लग्न माने शरीर। शारीरिक सुख। इससे वर्तमान काल, व्यक्तित्व, आत्मविश्वास, आत्मसम्मान, विवेकशीलता, आत्मप्रकाश, आकृति, मस्तिष्क, पद-प्रतिष्ठा, धैर्य, इत्यादि देखा जाता है।
 
2. चौथा सुख का भाव। मतलब भूमि, भवन, माता, संपत्ति, वाहन, जेवर, शिक्षा, पारिवारिक प्रेम, उदारता, दया और हृदय आदि सुख मिलता है।
 
3. पांचवां भाव शिक्षा, ‍विद्या और संतान का भाव। लेकिन शेयर, संगीत, भविष्य ज्ञान, सफलता, निवेश, जीवन का आनन्द, प्रेम, सत्कर्म, पेट, शास्त्र ज्ञान, कोई नया कार्य, सृजनात्मकता आदि का लाभ।
 
4. नौवां भाव भाग्य और पूर्वजन्म का भाव। इससे धर्म, अध्यात्म, भक्ति, प्रवास, तीर्थयात्रा, बौद्धिक विकास और दान इत्यादि देखा जाता है। 
 
5. दसवां भाव कर्म का भाव। इससे नौकरी, व्यवसाय, राज्य, मान-सम्मान, प्रसिद्धि, नेतृत्व, पिता, संगठन, प्रशासन, जय, हुकूमत, गुण, कौशल, इत्यादि का विचार किया जाता है।

 
अब जानिए दुख और सुख देने वाले ग्रह :- जब शुभ ग्रह, सुख भाव में होंगे तो सुख मिलेगा। पाप ग्रह दुःख भाव में होंगे तो दुःख की प्राप्ति होगी। शुभ ग्रह पाप भाव में होंगे तो उस ग्रह से संबंधित कष्ट होंगे। ऐसा में इलाज ग्रहों का नहीं भावों का करना चाहिए।
 
1. सूर्य, मंगल, शनि और राहु यह दुख देने वाले ग्रह हैं।
2. शुक्र, गुरु और केतु यह सुख देने वाले ग्रह हैं।
3. चंद्र और बुध दोनों सुख व दुःख। लेकिन दु:ख अधिक है।
 
 
नवम भाव:- 1 से 24 वर्ष तक।
पहला भाव:- 31से 33 वर्ष तक।
दसवां भाव :- 25 से 26 वर्ष तक।
चौथा भाव:-40 से 45 वर्ष तक। 
पांचवां भाव :-46 से 51वर्ष तक।
ग्यारहवां भाव:- 27 से 28 वर्ष तक।
बारहवां भाव: -29 से 30 वर्ष तक।
दूसरा भाव :- 34 से 36 वर्ष तक।
तीसरा भाव :- 37 से 39 वर्ष तक। 
छठा भाव :- 52 से 57 वर्ष तक।
सातवां भाव :- 58 से 65 वर्ष तक।
आठवां भाव:- 66 से अंत तक।
 
... अच्छे व बुरे फल का निर्धारण करते हैं। यह जान जाएंगे कि किस भाव का कौनसा स्वामी ग्रह है और कौनसा शत्रु ग्रह है तो समस्या का समाधान करना आसान होगा।
 
प्रथम भाव- सूर्य
दूसरा भाव- गुरू
तृतीय भाव– मंगल
चतुर्थ भाव – चंद्र
पंचम भाव– गुरु
षष्ठ भाव– मंगल
सप्तम भाव– शुक्र
अष्टम भाव– शनि
नवम भाव– गुरु
दशम भाव– गुरु, सूर्य, बुध और शनि
एकादश भाव– गुरु
द्वादश भाव– शनि

सम्बंधित जानकारी

ज़रूर पढ़ें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Indian Calendar 2025 : जानें 2025 का वार्षिक कैलेंडर

Vivah muhurat 2025: साल 2025 में कब हो सकती है शादियां? जानिए विवाह के शुभ मुहूर्त

रावण का भाई कुंभकरण क्या सच में एक इंजीनियर था?

शुक्र का धन राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा धनलाभ

सभी देखें

नवीनतम

24 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

24 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Budh vakri 2024: बुध वृश्चिक में वक्री, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

Makar Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: मकर राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

lunar eclipse 2025: वर्ष 2025 में कब लगेगा चंद्र ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा

આગળનો લેખ
Show comments