धर्म शास्त्रों में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। इस दिन स्नान, पूजा, दान और तर्पण करने का भी खास महत्व माना गया है। चैत्र माह की अमावस्या 21 मार्च 2023 मंगलवार को रहेगी। इस बार की चैत्र अमावस्या को खास माना जा रहा है। आओ जानते हैं चैत्र अमावस्या के बारे में कुछ खास बातें।
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सूर्योदय : 6:42 पर।
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अमावस्या : रात्रि 10:52 तक।
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सर्वार्थ सिद्धि योग : शाम को 05:26 से अगले दिन सुबह 06:41 तक रहेगा।
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अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:22 से 01:10 बजे तक।
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अमृत काल : सुबह 10:10 से 11:37 बजे तक।
1. हर अमावस्या की तरह चैत्र अमावस्या के दिन पितरों की मुक्ति और उनके आशीर्वाद के लिए उनका पूजन और तर्पन करना चाहिए।
2. इस दिन पितरों की मुक्ति के लिए व्रत भी रखा जाता है। पितरों के श्राद्ध के बाद ब्राह्मण भोज कराएं।
3. किसी पवित्र नदी, जलाशय और कुंड में स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के बाद ही तर्पण आदि कर्म करें।
4. इस दिन गरीबों को यथाशक्ति अन्न, वस्त्र, स्वर्ण, गौ आदि का दान दें और दक्षिणा भी दें।
5. अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक और शनि देव को नीले पुष्प, काले तिल और सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए।