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आमलकी एकादशी पर करें 4 अचूक उपाय और भूलकर भी न करें ये 5 काम वर्ना होगी धनहानि

WD Feature Desk
HIGHLIGHTS
 
• आमलकी एकादशी के दिन क्या करें।
• आमलकी एकादशी के उपाय क्या हैं।
• रंगभरी एकादशी के दिन कौन-से कार्य ना करें। 

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amalaki ekadashi ke upay : आज 20 मार्च, बुधवार को आमलकी एकादशी/ रंगभरी ग्यारस का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन आंवले वृक्ष का पूजन करके 9 परिक्रमा लगाने तथा आंवले का सेवन करने का बहुत अधिक महत्व कहा गया है। इस दिन कुछ अचूक उपाय करने से सौभाग्य और स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। तथा इस दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही भी हैं। आइए यहां जानते हैं 4 उपाय और 5 ऐसे कार्य जो हमें भूलकर भी नहीं करना चाहिए, वर्ना धनहानि का सामना करना पड़ सकता है।

आइए जानते हैं यहां 4 अचूक उपाय : 
 
1. आमलकी एकादशी के दिन आंवले वृक्ष की नौ परिक्रमा करने तथा आंवले का सेवन करने से सौभाग्य और अच्छे स्वास्थ्य का संयोग बनता है। 
 
2. एकादशी पर पीपल वृक्ष में मीठा जल चढ़ाकर सायंकाल पीपल की जड़ में घी का दीया लगाना बहुत अच्छा माना जाता है। 
 
3. रंगभरी एकादशी के दिन शिव-गौरा को गुलाल, गुलाबी रंग अर्पित करने से जीवन की आज के दिन प्रफुल्लित मन से शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण तथा लक्ष्मी-नारायण के साथ होली खेलना चाहिए। उन्हें रंग, गुलाल अर्पित करके सर्वसुख की कामना तथा प्रार्थना करने से जीवन में शुभ संयोग का निर्माण होता है तथा जीवन के कष्ट तथा आर्थिक समस्या दूर होती है। 
 
4. एकादशी की रात्रि श्रीहरि नारायण के सामने 9 बत्तियों वाला दीपक जलाकर प्रार्थना करें, इससे शिव-पार्वती तथा विष्णु-लक्ष्मी का अपार धन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तथा सामर्थ्यनुसार अन्न, वस्त्र, पैसे का दान अवश्य करें। 

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क्या न करें : 
 
1. आमलकी एकादशी के दिन पूर्ण ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें।
 
2. दशमी तिथि की रात तथा एकादशी के उपवास वाले दिन चावल ग्रहण न करें। इस दिन लहसुन, प्याज, मसूर की दाल, गाजर, शलजम, गोभी, पालक, मांस आदि चीजों का परहेज करें। 
 
3. इस दिन ना ही बाल कटवाए और ना ही नाखून काटें। क्रोध का त्याग करके मधुर वचनों को अमल में लाएं। 
 
4. एकादशी के दिन वृक्ष से पत्ते तोड़ना वर्जित माना गया है। अत: स्वयं गिरा हुआ पत्ता ही उपयोग में लाएं। प्रात:काल लकड़ी का दातुन न करें, नीबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा कर अंगुली से कंठ साफ करें। अगर वृक्ष के पत्ते उपलब्ध न हो सके तो 12 बार पानी से कुल्ले करें। 
 
5. इस दिन अधिक न बोलें, ताकि इस दिन अपशब्दों के प्रयोग से बचा जा सकें।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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