Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

अक्षय तृतीया के उपाय : कब है आखा तीज, जानिए क्या करें इस दिन

Webdunia
Akshaya Tritiya 2022: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षया तृतीया और आखा तीज भी कहते हैं। यह दिन बहुत ही शुभ होता है। यह एक अबूझ मुहूर्त हैं। आओ जानते हैं कि कब है अक्षया तृतीया और क्या है इसके खास उपाय।
 
कब है अखा तीज : अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 3 मई 2022 मंगलवार को अक्षया तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। 
 
ये कार्य अवश्‍य करें (Akshaya tritiya par kya karen ) : इस दिन अविवाहित लोगों के लिए विवाह का अत्यंत शुभ मुहूर्त होता है। इस शुभ मुहूर्त में नूतन गृह प्रवेश, गृह निर्माण, दुकान अथवा प्रतिष्ठान का शुभारंभ कर सकते हैं। इस दिन नए आभूषण की खरीदी, नए व्यापार का आरंभ करना भी लाभदायी होता हैं। अक्षय तृतीया के दिन तीर्थ स्नान तथा पितृ तर्पण का विशेष महत्व है। अत: इस दिन यह कार्य अवश्य करें।
अक्षया तृतीया के उपाय (Akshaya tritiya ke upay) :
 
1. यदि सालभर दान नहीं किया है तो इस दिन दान जरूर करना चाहिए, इस दान का अक्षय फल मिलता है। दान करने से घर में धन और समृद्धि बढ़ती है। अक्षय तृतीया के दिन विष्णु भगवान और अपने पितरों के लिए दान-पुण्य करें। सत्तू, दही, चावल, मिट्टी का घड़ा, जौ, गेहूं एवं फल का दान अपने सामर्थ्य के अनुसार अवश्य ही करना चाहिए।
 
 
इस दिन स्वर्गीय आत्माओं की प्रसन्नता के लिए जल कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा आदि फल, शक्कर, घी आदि ब्राह्मण को दान करने चाहिए इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, शहद और कन्या यह बारह दान का महत्व है। जो भी भूखा हो वह अन्न दान का पात्र है। जो जिस वस्तु की इच्छा रखता है यदि वह वस्तु उसे बिना मांगे दे दी जाए तो दाता को पूरा फल मिलता है। सेवक को दिया दान एक चौथाई फल देता है। कन्या दान इन सभी दानों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है इसीलिए इस दिन कन्या का विवाह किया जाता है।
 
 
अक्षय तृतीया पर दान देने वाला सूर्य लोक को प्राप्त होता है। इस तिथि को जो व्रत करता है वह ऋद्धि, वृद्धि एवं श्री से संपन्न होता है। इस दिन किए गए कर्म अक्षय हो जाते हैं। अत: इस दिन शुभ कर्म ही करने चाहिए।
 
2. वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि की अधिष्ठात्री देवी माता गौरी है। इस दिन माता गौरी की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। जीवन में हर तरह की सफलता के लिए अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए। इस दिन चार धाम में से खास एक भगवान बद्रीनाथ धाम के दर्शन भी करते हैं। अक्षय तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। अत: इस दिन पूरे मन से परशुराम का पूजन करके इस शुभ तिथि का लाभ अवश्य ही लें।
 
 
3. यदि आपके भाग्य में किसी प्रकार की रुकावट आ रही है तो इस दिन प्रात: उठते ही सर्वप्रथम 11 गोमती चक्रों को पीसकर उनका चूर्ण बनाकर अपने घर के मुख्य द्वार के सामने अपने ईष्ट देव का स्मरण करते हुए बिखेर दें। इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में भाग्योदय होना शुरू होगा तथा दुर्भाग्य समाप्त होकर जीवन में खुशहाली आएगी। 
 
4. यदि गृह कलेश हो रहा है तो ग्यारह गोमती चक्रों को एक लाल रेशमी कपड़े में बांधकर चांदी की डिब्बी में रखकर पूजा स्थान में रख दें, इससे घर में हमेशा सुख-शांति का वास बना रहेगा।
 
 
5. अगर आप व्यापार अधिक लाभ पाना चाहते हैं तो 27 गोमती चक्र लेकर पीले या लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपने व्यापारिक स्थान अथवा प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर बांध दें, यह कार्य करने भर से आपको व्यापार में आशानुरूप लाभ मिलने लगेगा। 
 
6. अक्षय तृतीया के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांधकर पूजा स्थान में रखे इसमें देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने की क्षमता होती है। इनका प्रयोग तंत्र मंत्र में भी होता है। देवी लक्ष्मी के समान ही कौड़ियां समुद्र से उत्पन्न हुई हैं।
 
 
7. अक्षय तृतीया के दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियों में लाभ मिलता है।
 
8. अक्षय तृतीया के दिन घर में पूजा स्थान में एकाक्षी नारियल स्थापित करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Shopping for Diwali: दिवाली के लिए क्या क्या खरीदारी करें?

बहुत रोचक है आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति की कथा, जानिए कौन हैं भगवान धन्वंतरि?

दिवाली की रात में करें ये 7 अचूक उपाय तो हो जाएंगे मालामाल, मिलेगी माता लक्ष्मी की कृपा

Dhanteras 2024: अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस पर कितने, कहां और किस दिशा में जलाएं दीपक?

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 27 अक्टूबर के दिन इन 4 राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ, पढ़ें अपना राशिफल

27 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

27 अक्टूबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Kali chaudas 2024: नरक चतुर्दशी को क्यों कहते हैं भूत चौदस, किसकी होती है पूजा?

Bach Baras 2024: गोवत्स द्वादशी क्यों मनाते हैं, क्या कथा है?

આગળનો લેખ
Show comments