Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

श्रावण से 4 दिन पहले आ रहा है प्रदोष व्रत, कैसे करें शिव का पूजन, जानें किस वार की प्रदोष का क्या फल

श्रावण से 4 दिन पहले आ रहा है प्रदोष व्रत, कैसे करें शिव का पूजन, जानें किस वार की प्रदोष का क्या फल
पौराणिक शास्त्रों में प्रदोष व्रत की बड़ी महिमा है। इस बार 28 जुलाई 2018 से श्रावण मास का शुभारंभ हो रहा है, इससे ठीक 4 दिन पहले प्रदोष व्रत आ रहा है। यह दिन भगवान शिव के ‍पूजन के लिए बहुत महत्व रखता है।
 
ऐसा माना जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शिवशंकर कैलाश पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते है। इसीलिए शिवजी को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्तों को प्रदोष व्रत का नियमपूर्वक पालन कर उपवास करना चाहिए।

आइए जानें -
 
* शिव प्रदोष के दिन सूर्यास्त के पश्चात पुन: स्नान करके भगवान शिव का षोडषोपचार से पूजन करें। 
 
* नैवेद्य में जौ का सत्तू, घी एवं शकर का भोग लगाएं, तत्पश्चात आठों दिशाओं में 8‍ दीपक रखकर प्रत्येक की स्थापना कर उन्हें 8 बार नमस्कार करें। 
 
* इसके बाद धर्म सत्वं वृषरूपेण से नंदीश्वर (बछड़े) को जल एवं दुर्वा खिलाकर स्पर्श करें। 
 
* शिव-पार्वती एवं नंदकेश्वर की प्रार्थना करें। 
 
* प्रदोष व्रतार्थी को नमकरहित भोजन करना चाहिए। 
 
यद्यपि प्रदोष व्रत प्रत्येक त्रयोदशी को किया जाता है, परंतु विशेष कामना के लिए वार संयोगयुक्त प्रदोष का भी बड़ा महत्व है।
 
किस वार की प्रदोष से मिलेगा क्या फल जानिए  
 
प्रत्येक माह त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखने का विधान है। प्रदोष व्रत कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों को किया जाता है। सूर्यास्त के बाद के 2 घंटे 24 मिनट का समय प्रदोष काल के नाम से जाना जाता है। सामान्यत: सूर्यास्त से लेकर रात्रि आरंभ तक के मध्य की अवधि को प्रदोष काल में लिया जा सकता है।  

 
आरोग्य के लिए- रविवार। 
 
संतान प्राप्ति के लिए- सोमवार। 
 
ऋण से छुटकारे के लिए- मंगलवार। 
 
इष्ट प्राप्ति के लिए- बुधवार। 
 
सफलता के लिए - गुरुवार 
 
सौभाग्य के लिए- शुक्रवार। 
 
हर तरह की मनोकामना के लिए- शनि प्रदोष शुभ है। 
 
शिव प्रदोष तिथि भोलेनाथ की प्रिय तिथि है, अत: इस दिन भक्तिभाव से शिव का पूजन करने से गरीबी, दुख-दारिद्रय और कर्ज से मुक्ति मिलती है त‍था यह व्रत मोक्ष प्राप्ति में भी सहायक है।
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

श्रावण मास के पहले है शिव प्रदोष, तांडव नृत्य की यह अद्भुत कथा आपने नहीं पढ़ी होगी...