Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

17 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या, जानिए कैसे करें पूजन...

17 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या, जानिए कैसे करें पूजन...
* शनि अमावस्या पर शनि पूजन, दान तथा उपाय जानिए... 
 
शनिवार, दिनांक 17 मार्च 2018 को पुण्यदायिनी अमावस्या आ रही है। चैत्र कृष्ण पक्ष में शनिवार को आनेवाली यह अमावस्या शनैश्चरी अमावस्या कहलाएगी। यह दिन पितरों को प्रसन्न करने तथा जीवन के सभी संकटों का नाश करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। 
 
यह अमावस्या मोक्षदायिनी भी कहलाती है। इस दिन अमावस्या होने से शनिवार का महत्व बढ़ गया है। पौराणिक शास्त्रों के मुताबिक शनिवार के दिन आनेवाली अमावस्या को शनि अमावस्या कहते हैं। यह दिन शनि भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। 
 
इस दिन शनिदेव अपने भक्तों पर कृपा बरसाकर उन्हें पापों व कष्टों से भी मुक्ति दिलाते हैं। आइए जान‍ते हैं इस दिन ऐसा क्या करें जिससे हमारे समस्त संकटों के समाधान हो जाए... 
 
जानिए इस दिन क्या करें...
 
- शनिवार का व्रत रखें।
 
- व्रत के दिन शनिदेव की पूजा (कवच, स्तोत्र, मंत्र जप) करें।
 
- शनिवार व्रत कथा पढ़ना भी लाभकारी रहता है।
 
- व्रत में दिन में दूध, लस्सी तथा फलों के रस ग्रहण करें।
 
- सायंकाल हनुमानजी या भैरवजी का दर्शन करें।
 
- काले उड़द की खिचड़ी (काला नमक मिला सकते हैं) या उड़द की दाल का मीठा हलवा ग्रहण करें।
 
शनि के दान : शनि की प्रसन्नता के लिए उड़द, तेल, इन्द्रनील (नीलम), तिल, कुलथी, भैंस, लोह, दक्षिणा और श्याम वस्त्र दान करें। 
 
किसी भी शनि मंदिरों में शनि की वस्तुओं जैसे काले तिल, काली उड़द, काली राई, काले वस्त्र, लौह पात्र तथा गुड़ का दान करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
 
शनि के उपाय : प्रति शनिवार सुरमा, काले तिल, सौंफ, नागरमोथा और लोध मिले हुए जल से स्नान करें।
 
* शनिवार को अपने हाथ की नाप का 19 हाथ काला धागा माला बनाकर पहनें।
 
* शनिवार को सायंकाल पीपल वृक्ष के चारों ओर 7 बार कच्चा सूत लपेटें, इस समय शनि के किसी मंत्र का जप करते रहें। फिर पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करें तथा ज्ञात अज्ञात अपराधों के लिए क्षमा मांगें।
 
शनि रत्न एवं धातु : शनिवार के दिन काले घोड़े की नाल या नाव की सतह की कील का बना छल्ला मध्यमा में धारण करें।
 
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके पितरों के निमित्त पिंड दान, तर्पण, दान आदि भी किए जाते हैं।


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

रामनवमी की प्रामाणिक व्रत-पूजन विधि, अवश्य पढ़ें...