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क्या कहते हैं स्वतंत्रता दिवस के सितारे...

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
आजाद भारत के 70 वर्ष बीत गए हैं, 71वें वर्ष में हम प्रवेश करेंगे। क्या कहते हैं आज के भारत के सितारे। रात्रि को जब 12 बजेंगे तब वृषभ लग्न का उदय होगा। 
 
यह लग्न शुक्र प्रधान है। शुक्र कला, धन, स्त्री व सौन्दर्य का कारक है। लग्नेश व षष्ट का स्वामी द्वितीय भाव में मिथुन का है अत: भारत में धन का व्यय व्यर्थ के कामों में होगा। वहीं स्त्री के प्रति अत्याचार कम नहीं होंगे। बलात्कार की घटनाएं कम नहीं होंगी। सरकार महज कोरी घोषणाओं में लगी रहेगी। स्थायी समाधान की उम्मीद कम ही है। बेरोजगारों के लिए रोजगार पाने का सपना, सपना ही रहेगा, क्योंकि भाग्य यानी नवम भाव का स्वामी वक्री होकर सप्तम भाव में मंगल की राशि में है अत: इसका प्रभाव हानिकारक रहेगा।
 
चतुर्थ यानी जनता भाव में राहु के साथ पंचमेश व धनेश होने से जनता परेशानी अनुभव करेगी। इस दिन मंगल की मेष राशि है। राशि स्वामी मंगल नीच का है लेकिन चन्द्र मेष में होने से मंगल का नीच भंग हो गया है। इस वजह से भारत के शत्रु नष्ट होंगे व प्रभावहीन होंगे।

भारत का भाग्य प्रबल होगा। मंगल की उच्च दृष्टि नवम यानी भाग्य स्थान पर आ रही है। एकादश यानी आय भाव का स्वामी एकादश भाव को ही देख रहा है अत : भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। 

भारत विभाजन
 
 

 

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