Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

महाशिवरात्रि के दिन से शुरू हो रहा है पंचक, जानिए सावधानियां

Webdunia
Panchak 2021
 
वर्ष 2021 में 11 मार्च, गुरुवार के दिन पंचक काल लग रहा है। इस दिन महाशिवरात्रि का पर्व भी मनाया जाएगा। 
 
ज्योतिष शास्त्र में धनिष्ठा से रेवती तक, जो 5 नक्षत्र (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती) होते हैं, उन्हे पंचक कहा जाता है। ज्योतिष में आमतौर पर माना जाता है कि पंचक में कुछ विशेष कार्य नहीं किए जाते हैं। हिन्दू मान्यता के अनुसार पंचक का समय अशुभ समय माना जाता है। पंचक अंतर्गत आने वाले इन्हीं पांच नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को 'पंचक काल' कहा जाता है।
 
कब से शुरू हो रहा है पंचक- इस बार पंचक 11 मार्च से शुरू होकर 16 मार्च तक जारी रहेगा। बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक सभी तरह के कार्य कर सकते हैं यहां तक कि सगाई, विवाह आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं। 
 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक से डर क्यों?- पंचक काल के 5 नक्षत्रों का जीवन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। अत: इन दिनों कुछ खास न करने की सलाह भी जाती है। जहां धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का भय रहता है, वहीं शतभिषा नक्षत्र में कलह के योग बनते हैं। 
 
पूर्वा भाद्रपद को रोग कारक नक्षत्र माना गया है और उत्तरा भाद्रपद में धन के रूप में दंड होता है। साथ ही रेवती नक्षत्र आने से धन हानि की संभावना भी होती है। 
 
इसीलिए जहां पंचक में हर तरह से सावधानी बरतने की आवश्यकता है, वहीं नक्षत्र के अशुभ प्रभावों से डर लगना स्वाभाविक है। अत: इन समयावधि में घास, लकड़ी, ईंधन आदि एकत्रित न करने की सलाह दी जाती है। 
 
इतना ही नहीं इस समय काल में दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए तथा इन दिनों घर की छत बनाने से बचना चाहिए और किसी की मृत्यु होने पर कुश की घास या आटे के 5 पुतले जलाने के बाद ही विधि-विधान से दाह संस्कार करना उचित माना गया है। अत: पंचक के समय में विशेष सावधानी बरतना आवश्यक होता है। 
 
पंचक कब- 11 मार्च 2021 को प्रात: 9.29 से शुरू होकर 16 मार्च 2021 को रात्रि 3.30 मिनट तक जारी रहेगा। कैलेंडर के मत-मतांतर के चलते यह पंचक 16 मार्च की सुबह 04.44 मिनट पर समाप्त होगा। 

ALSO READ: भगवान गणेशजी के पोते कौन हैं?

ALSO READ: हस्तरेखा से जानिए कि सुखी या दु:खी होगा दांपत्य जीवन?

सम्बंधित जानकारी

ज़रूर पढ़ें

इस धनतेरस अपनी राशि के अनुसार खरीदें ये वस्तुएं, लक्ष्मी माता की कृपा से हमेशा भरी रहेगी तिजोरी

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

दिवाली क्यों मनाई जाती है? जानें इतिहास, महत्व और कहानी

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

किसके लिए नया सप्ताह रहेगा लकी, पढ़ें 12 राशियों का साप्ताहिक राशिफल

सभी देखें

नवीनतम

25 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Rama ekadashi date time: रमा एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व और कथा

Guru pushya nakshatra: पुष्य नक्षत्र इस बार 24 घंटे 44 मिनट तक का, कल भी कर सकते हैं खरीदारी

આગળનો લેખ
Show comments