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प्रदोष व्रत के 10 सरल नियम, 10 शिव मंत्र और 10 जरूरी पूजा सामग्री

प्रदोष व्रत के 10 सरल नियम, 10 शिव मंत्र और 10 जरूरी पूजा सामग्री
इस वर्ष 29 मार्च 2022, मंगलवार के दिन चैत्र मास (Chaitra month 2022) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। इस दिन त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ दोपहर 2.38 मिनट से शुरू होकर बुधवार, 30 मार्च 2022 के दिन दोपहर 1.19 मिनट पर त्रयोदशी की समाप्ति होगी।

प्रतिमाह आने वाला त्रयोदशी व्रत प्रदोष व्रत (Pradosh vrat) के नाम से भी जाना जाता है, जोकि भोलेनाथ को समर्पित व्रत है तथा इस दिन खास पूजन सामग्री तथा कुछ नियमों को ध्यान में रखकर शिव जी प्रसन्न किया जा सकता है। यहां जानिए खास मंत्र, नियम एवं पूजन सामग्री- 
 
प्रदोष व्रत के 10 नियम-Pradosh vrat ke niyam 
 
1. त्रयोदशी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जागकर शिव जी का ध्यान करते हुए स्नान करें, नहाने के पानी में काले तिल अवश्य डालें।
 
2. इस दिन स्वच्छ धुले वस्त्र धारण करना चाहिए, ध्यान रखें कि यह कटे-फटे ना हो।
 
3. पूरा दिन शिव जी का ध्यान तथा मंत्र जाप करते हुए व्यतीत करें।
 
4. गंगा जल तथा गाय के कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करके उन्हें भांग, धतूरा, बिल्वपत्र, शहद, सफेद पुष्प आदि चढ़ाएं।
 
5. भगवान महादेव का पुन: शाम के समय प्रदोष मुहूर्त में पूजन करें, पूजन से पहले स्वयं भी स्नान करें। 
 
6. खास मनोकामना पूर्ति के लिए मंदिर जाकर दूध, दही, घी, शहद, काले तिल आदि सामग्री से शिवाभिषेक करें तथा इस समय ॐ नम: शिवाय जपते रहें।
 
7. इस दिन व्रत रखें तथा सिर्फ फलाहार ग्रहण करें।
 
8. शिव जी की धूप, दीप तथा सुगंधित अगरबत्ती से आरती करें तथा नैवेद्य चढ़ाएं।
 
9. तालाब या नदी किनारे जाकर मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं तथा गरीबों को अन्न, वस्त्र का दान करें। 
10. प्रदोष के दिन काले तिलयुक्त कच्चा दूध शिव जी पर चढ़ाएं तथा काले तिल का दान करें, यह पितृ दोष से मुक्ति, पितरों की आत्मा को शांति तथा धन, यश और कीर्ति मिलेगी। 
 
शिव जी के 10 मंत्र-Pradosh vrat ke Mantra
 
1. ॐ नम: शिवाय।
2. ॐ आशुतोषाय नमः।
3. ॐ शिवाय नम:।
4. ॐ नमो धनदाय स्वाहा
5. ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ।
6. ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ऊं।
7. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।।
8. ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: सोमाय नम:
9. ॐ ह्रीं जूं सः भूर्भुवः स्वः, ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्‌। उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्‌, ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
10. ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः।
 
10 खास पूजन सामग्री-Pradosh vrat puja samagri
 
1. ताजे पुष्प एवं माला
2. बिल्वपत्र
3. धतूरा
4. आंकड़े का फूल
5. गंगा जल तथा पानी
6. भांग
7. कपूर
8. धूप
9. गाय के शुद्ध घी का दीया
10. काले तिल।

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