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2024 से पहले पूर्वोत्तर के सेमीफाइनल में BJP की जीत, CONG को लगा झटका, क्षेत्रीय दलों की दिखी धमक

विकास सिंह
गुरुवार, 2 मार्च 2023 (12:39 IST)
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के चुनाव परिणाम को लेकर तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखे गए तीन राज्यों के चुनाव में नागालैंड और त्रिपुरा में भाजपा सरकार बनाने की ओर आगे बढती हुई दिख रही है। वहीं मेघालय में भाजपा को भले ही झटका लगा हो लेकिन वह सत्ता के पुराने फॉर्मूले के साथ सरकार में वापसी कर सकती है। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी के चेहरे को चुनौती देने की तैयारी कर रही कांग्रेस के लिए पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव परिणाम एक बड़ा झटके जैसा है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का कोई असर पूर्वोत्तर के राज्यों पर कोई असर नहीं दिखाई दिया। वहीं चुनाव में क्षेत्रीय दलों का खासा प्रभाव देखने को मिला है। 
  
नागालैंड में भाजपा गठबंधन की प्रचंड जीत-नागालैंड में भाजपा गठबंधन प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा और एनडीपीपी गठबंधन दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। वहीं नागालैंड में कांग्रेस तीन सीटों पर सिमट गई है। नागालैंड में चुनाव प्रचार के दौरान अफस्पा कानून को हटाने के मुद्दे को भाजपा ने जोर शोर से उठाया। 
 
त्रिपुरा में BJP का सत्ता में कमबैक-वहीं चुनाव के दृष्टि से पूर्वोत्तर के सबसे बड़े राज्य त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा फिर सत्ता में वापसी करने जा रही है। 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन फिर सरकार में वापसी करने जा रहा है। हलांकि 2018 की चुनाव की तुलना में भाजपा को करीब 10 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन से चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर मिली है। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में पहली बार मैदान में उतरी राजपरिवार के उत्तराधिकारी प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मन के नेतृत्व वाली आदिवासी पार्टी टिपरा मोथा (TMP) ने चौंकाने वाला प्रदर्शन करते हुए करीब 10 सीटें जीतते हुए दिख रही है। अगर त्रिपुरा में अंतिम चुनाव परिणाम रूझानों से कुछ अलग हुए तो टीएमपी किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है। 
 
त्रिपुरा में भाजपा गठबंधन के सहयोगियों के साथ कांटे के मुकाबले में सत्ता में वापसी करती हुई दिख रही है। त्रिपुरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जमकर चुनाव प्रचार किया था। त्रिपुरा में भाजपा  की जीत 2024 के नजरिए से काफी अहम है। त्रिपुरा में भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी।  

मेघायल में सरकार का पुराना फॉर्मूला होगा लागू!-वहीं मेघालय में भले ही भाजपा बहुमत से दूर हो लेकिन वह सत्तारूढड पार्टी एनपीपी के साथ सरकार बनाने की ओर आगे बढ़ती दिख रही है। मेघालय के चुनाव परिणाम में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने 27 सीटों के आसपास जीतते हुए दिख रही है। नागालैंड में कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली सरकार भाजपा गठबंधन में सरकार थी और इस बार चुनाव में अकेले दम पर चुनाव में उतरी थी और चुनाव में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कोनराड संगमा की सरकार पर जमकर बोला था। वहीं अब जब चुनाव परिणाम आने लगे है तब भाजपा ने फिर एनपीपी के साथ सरकार बनाने की बात करने लगे है।  
 
मेघालय और नागालैंड में भाजपा क्षेत्रीय दलों के साथ सरकार में वापसी करती हुई दिख रही है। मेघालय और नागालैंड में भाजपा ने इस बार पीएम मोदी के चेहरे के साथ जमकर चुनाव प्रचार किया था और क्षेत्रीय दलों के प्रभाव वाली सियासत में भाजपा ने अपनी जमीनी तलाशने की कोशिश की थी और चुनाव परिणामों ने उसे निराश  नहीं किया है।

पूर्वोत्तर के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए झटका- पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। त्रिपुरा के साथ मेघालय और नागालैंड के विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने खराब प्रदर्शन किया है। पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों के चुनाव परिणाम पर कांग्रेस के प्रदर्शन पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के नतीजे 2024 की दिशा नहीं तय करेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की पार्टियां केंद्र सरकार के रुझान के साथ जाती हैं, लेकिन कई नेता राष्ट्रीय राजनीति के लिए प्रतिबद्ध हैं। वो कांग्रेस, सेक्युलर दलों, लोकतंत्र और संविधान का समर्थन करते हैं।
 
कांग्रेस के नेता भले ही पूर्वोत्तर राज्यों के नतीजों को छोटे राज्यों के चुनाव नतीजे बता रहे है लेकिन भाजपा कांग्रेस की हार को लेकर मुखर हो गई है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव परिणाम उसके लिए एक झटके की तरह है।  

क्षेत्रीय दलों का प्रभुत्व-पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव परिणाम में क्षेत्रीय दलों का काफी प्रभुत्व नजर आया है। नागालैंड में एनडीपीपी और मेघालय में एनपीपी ने अपनी धमक दिखाई है। वहीं त्रिपुरा में पहली बार चुनाव लड़ने वाली आदिवासी पार्टी टिपरा मोथा  ने चौंकाते हुए डबल डिजिट में  जीत हासिल करती हुई दिख रही है। ऐसे में आदिवासी वोटर चुनाव में बड़ा गेमचेंजर साबित हुए है
 

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