नई दिल्ली। 2022 में अर्थजगत को अपनी चकाचौंध से हैरान कर देने वाले अडाणी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडाणी के 2023 बड़ा सदमा लेकर आया। शार्ट सेलर हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट ने शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी के आरोप लगाकर न सिर्फ अडाणी की साख करारा झटका दिया बल्कि उनकी संपत्ति को भी खासा नुकसान पहुंचाया। एक समय दुनिया में सबसे अमीर होने की रेस सबसे आगे दिखाई दे रहे अडाणी अब टॉप 10 अरबपतियों में भी नहीं है। शेयर बाजार में लिस्टेड अडाणी की सातों कंपनियों के शेयर और बांड पस्त होते नजर आ रहे हैं। बहरहाल, अडाणी के शेयरों में निवेश करने से LIC समेत कई लोगों ने भारी मुनाफा कमाया है, इस गिरावट के बाद हिंडनबर्ग जैसी शार्ट सेलिंग करने वाली कंपनियों को भी जबरदस्त फायदा होगा।
आसान नहीं होगी अडाणी की वापसी : गौतम अडाणी को ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हो गए। वे अरबपतियों की सूची में 11वें नंबर पर है। मात्र 1 माह अडाणी की संपत्ति 36.1 अरब डॉलर कम होकर 84.21 अरब डॉलर रह गई है। कहां इस साल गौतम अडाणी को दुनिया के सबसे बड़े रईस बनने की उम्मीद थी और अब वह टॉप-10 लिस्ट से ही बाहर हो गए। कई लोगों का मानना है कि टॉप 3 में वापसी अडाणी के लिए आसान नहीं होगी। पिछले साल के स्तर पर पहुंचने में काफी समय लग सकता है।
क्या काम आएगी अडाणी ग्रुप की सफाई : हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप से 88 सवालों का जवाब मांगा। इस पर अडाणी ग्रुप ने 413 पन्नों का जवाब देते हुए 68 सवालों को सिरे से खारिज कर दिया। कहा गया कि ये सिर्फ उन पुरानी बातों को फिर से दोहरा रहे हैं, जो न्यायिक प्रक्रिया में गलत साबित हो चुकी है। रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप की मार्केट वैल्यू काफी गिर गई। 27 जनवरी को कई कंपनियों के शेयर 20 फीसदी तक गिर गए। उनके निवेश की वैल्यू गिर गई।
हिंडनबर्ग द्वारा इस रिपोर्ट के जारी किए जाने की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि अडाणी ग्रुप की साख गिराने के लिए ही IPO लांचिंग से ठीक पहले रिपोर्ट जारी की गई।
अडाणी ग्रुप की ओर से कहा गया कि बड़ी संख्या में निवेशकों को नुकसान पहुंचाते हुए शॉर्ट सेलिंग के जरिए मोटा मुनाफा कमाने के लिए हिंडनबर्ग सिक्युरिटीज झूठा बाजार बनाने की कोशिश कर रहा है।
क्या है हिंडनबर्ग पर शक की वजह : हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट जारी करते समय कहा कि उसने अडाणी के शेयरों में शार्ट पोजिशन ले रखी है। कंपनी शार्ट सेलिंग का काम करती है और गिरे हुए शेयरों से मुनाफा कमाना ही उसका काम है। यानी पहले वह शेयर बेचकर उसके दाम गिराती है और कम दामों पर इसे फिर खरीद लेती है। बहरहाल अडाणी के शेयरों में भारी गिरावट आई है और इस वजह से इसे कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का मामला माना जा रहा है।
PNB ने दिया है 7000 करोड़ का कर्ज : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों को 7000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज दे रखा है। इसमें से 2,500 करोड़ रुपए हवाई अड्डा व्यापार से संबंधित हैं। बैंक के आकार के अनुपात में बैंक का निवेश बहुत ज्यादा नहीं है। हम आगामी समय में (अडाणी समूह की) गतिविधियों पर बारीक नजर रख रहे हैं।
अडाणी ग्रुप में निवेश कर LIC को कितना फायदा : अडाणी ग्रुप के शेयरों में आई गिरावट के बाद मीडिया खबरों में कहा गया कि LIC का निवेश डूब गया। इस पर LIC ने कहा कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों में उसने 30,127 करोड़ का निवेश किया है 27 जनवरी को इसकी वैल्यू 56,142 करोड़ रुपए थी। इस तरह देखा जाए तो LIC ने निवेश से 26,016 करोड़ रुपए कमाए हैं।
हालांकि सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर चर्चा गरम है कि आने वाले समय में अडानी और सेबी दोनों ही और मुश्किलें देख सकते हैं, बहरहाल LIC ने अपने स्टेटमेंट से सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे इस मीम को साबित कर दिया कि LIC अभी जिंदा है।
LIC को कैसे हुआ फायदा : 2022 में उद्योगपति गौतम अडाणी की कंपनियों पर भारतीय शेयर बाजार ने पूरा भरोसा दिखाया। निवेशकों के इसी विश्वास की बदौलत वह दुनिया के 3 सबसे अमीर लोगों पहुंच गए। एक ओर दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी रहे एलन मस्क की संपत्ति 10.17 लाख करोड़ रु. घटकर 12.24 लाख करोड़ पर आ गई। दुनिया के अमीरों की सूची में वे दूसरे स्थान पर आ गए। वहीं अडाणी की संपत्ति में 4.1 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। अडाणी दुनिया के एकमात्र ऐसे उद्योगपति रहे जिनकी संपत्ति सबसे तेजी से बढ़ी।
वर्ष 2022 में अडाणी ग्रुप की 7 लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वैल्यू में दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ। अडाणी पॉवर लिमिटेड सबसे अधिक मजबूती हासिल करने वाली कंपनी बनी तो अडाणी एंटरप्राइजेस के शेयरों में 113 प्रतिशत तक उछाल दर्ज किया गया। जिन भी कंपनियों ने अडाणी ग्रुप में काफी पहले निवेश किया था उन्हें शानदार रिटर्न मिला। भले ही जनवरी के आखिरी हफ्ते में अडाणी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई लेकिन पिछले कई वर्षों में कंपनी को हुए प्रॉफिट के मुकाबले यह गिरावट कुछ भी नहीं है।