Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा? शेख हसीना से क्‍या डिमांड कर रहे हैं छात्र, अब तक 100 से ज्‍यादा मौतें

बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा? शेख हसीना से क्‍या डिमांड कर रहे हैं छात्र, अब तक 100 से ज्‍यादा मौतें

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 23 जुलाई 2024 (13:21 IST)
File Photo
  • बांग्लादेश में रहते हैं 15 हजार से ज्‍यादा भारतीय लोग
  • 778 भारतीय छात्र सड़क और 200 छात्र हवाई मार्ग से भारत पहुंचे
  • हजारों भारतीय छात्र अब भी बांग्‍लादेश में फंसे हैं
  • ज्‍यादातर छात्र जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, मेघालय और उत्तर प्रदेश के रहने वाले
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हिंसा जारी है। हिंसा से न सिर्फ वहां के लोग बल्कि कई भारतीयों का जीवन भी प्रभावित हुआ हैं। हिंसा ने छात्रों, व्यापारियों और अन्य लोगों को मुसीबत में डाल दिया है। भारतीय छात्र तेजी से बांग्लादेश से लौट रहे हैं। इनमें से कई छात्र चिकित्सा कार्यक्रमों में नामांकित हैं, लेकिन बिगड़ती स्थितियों के कारण हर हफ्ते भारत में छात्रों का आना जारी है।

बांग्‍लादेश में आलम यह है कि अब तक 100 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई है। जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। पीएमओ और पुलिस डिपार्टमेंट की वेबसाइट हैक करने की भी खबर आ रही है। जानते हैं आखिर क्‍यों बांग्‍लादेश में फैली हिंसा और अब तक क्‍या क्‍या हुआ है।

क्‍यों सड़कों पर उतरे हजारों छात्र : बता दें कि बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण में अनियमितताओं के खिलाफ हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। दरअसल बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं। इनमें से 30 प्रतिशत आरक्षण साल 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए रिजर्व है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों को आरोप है कि शेख हसीना सरकार मेरिट पर नौकरियां नहीं दे रही हैं।

अब तक क्‍या हुआ : सरकारी नौकरियों में आरक्षण में अनियमितताओं के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो उठा है। हिंसा में अब तक 104 लोगों की मौत हो चुकी है। ढाका में लाठियों और पत्थरों से लैस हजारों छात्र सशस्त्र पुलिस बलों से भिड़ गए। इस दौरान 3000 से ज्‍यादा लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है।

इंटरनेट और रेल सेवाएं ठप : सरकार ने इस प्रदर्शन को दबाने के लिए कई स्थानों पर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है। चटगांव में राजमार्ग को अवरुद्ध करने वाले छात्रों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े जा रहे हैं। बढ़ती हिंसा के चलते ढाका आने-जाने वाली रेलवे सेवाओं के साथ-साथ मेट्रो रेल सेवा को भी बंद करना पड़ा है।

क्या है चाहते हैं प्रदर्शनकारी : दरअसल, बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं। इनमें से 30 प्रतिशत आरक्षण साल 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए रिजर्व है। वहीं, 10 प्रतिशत आरक्षण पिछड़े प्रशासनिक जिलों के लिए और 10 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षण रिजर्व है। इसके अलावा पांच प्रतिशत आरक्षण जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए और एक प्रतिशत दिव्यांग लोगों के लिए रिजर्व है।

क्‍या है आरक्षण विवाद : इन सभी आरक्षण प्रणालियों में से विवाद उस 30 प्रतिशत आरक्षण को लेकर है, जो स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को दिए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्रों का कहना है कि सरकार उन लोगों को आरक्षण देने के पक्ष में है, जो शेख हसीना की सरकार का समर्थन करते हैं। छात्रों का आरोप है कि मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां नहीं दी जा रही है।

बांग्‍लादेश में कितने भारतीय फंसे : करीब 15 हजार भारतीय भी बांग्लादेश में हैं। नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हिंसा भड़कने के बाद करीब एक हजार भारतीय छात्र स्वदेश लौट चुके हैं। इनमें से अधिकांश उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और मेघालय के रहने वाले हैं। अभी भी चार हजार से अधिक भारतीय छात्र बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में फंसे हैं।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संबद्ध अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। मंत्रालय ने कहा कि अब तक 778 भारतीय छात्र विभिन्न सड़क मार्गों के जरिए भारत लौटे हैं। इसके अलावा, लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों के जरिए नियमित फ्लाइटों के जरिए वतन लौट चुके हैं।

भारत में घुसे विदेशी छात्र : बता दें कि हिंसा से बचने के लिए कई विदेशी छात्रों ने भारत की सीमा में एंट्री ले ली है। हिंसा के बीच करीब 300 से ज्‍यादा भारतीय, नेपाली और भूटानी नागरिक मेघालय में प्रवेश कर गए। अधिकांश छात्र हैं। गृह विभाग ने बताया कि बांग्लादेश में हिंसा के कारण फंसे 310 भारतीय, नेपाली और भूटानी डाउकी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के जरिए भारत आ गए हैं। इनमें 202 भारतीय, 101 नेपाली और सात भूटानी नागरिक हैं।
Edited By: Navin Rangiyal

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

बजट से बढ़ेगा रोजगार, सीतारमण ने किया 3 योजनाओं का एलान