Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Hathras tragedy : FIR में भोले बाबा का नाम क्यों नहीं, मुख्य सेवादार के खिलाफ किन धाराओं में केस?

hathras stampede

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 3 जुलाई 2024 (09:36 IST)
Hathras tragedy : हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। मंगलवार को हुई भगदड़ की इस घटना में अब तक 121 लोगों की मौत हो गई जबकि 28 अन्य घायल है। लोग सवाल कर रहे हैं कि पुलिस ने एफआईआर में भोले बाबा का नाम शामिल क्यों नहीं किया? ALSO READ: हाथरस हादसा: नारायण साकार के चरणों की धूल को लेकर मची भगदड़, क्या कह रहे हैं श्रद्धालु- ग्राउंड रिपोर्ट
 
अधिकारी ने बताया कि मंगलवार देर रात सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
 
FIR में बाबा का नाम क्यों नहीं : बताया जा रहा है कि आयोजन की जिम्मेदारी मुख्य आयोजक होती है, प्रवचनकर्ता की नहीं। सेवादार मधुकर ही कार्यक्रम के आयोजक थे। ऐसे में लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उन्हीं की थी। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर 100 से ज्यादा सेवादार तैनात किए थे। बाबा प्रवचन के बाद वहां से निकल गए थे। इसलिए हादसे की जिम्मेदारी उनकी नहीं थी।
 
webdunia
क्या गिरफ्तार होंगे भोले बाबा : प्रवचनकर्ता ‘भोले बाबा’ की गिरफ्तारी के सवाल पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि यह जांच का विषय है और अभी हम तत्काल निष्कर्ष पर पहुंचकर किसी भी जांच को प्रभावित करना नहीं चाहते हैं। जांच का दायरा खुला है, जो भी तथ्‍य प्रकाश में आएंगे उस आधार पर कार्रवाई होगी। ALSO READ: Hathras Stampede : 80 हजार की अनुमति थी, जुट गए 2.5 लाख से ज्यादा, FIR में भोले बाबा का नाम नहीं
 
क्यों हुआ हादसा : उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि भीड़-भाड़ हादसे के पीछे एक कारण है। 'भोले बाबा' (प्रवचनकर्ता) के वाहन के पीछे अनुयायी दौड़ रहे थे। यह भी कहा गया है कि लोग उनके जाने के बाद, वहां की मिट्टी लेकर पूजा करते हैं। नतीजतन, लोग झुकने लगे और बाद में वे गिर गए जिससे भगदड़ मची।

एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि अनुमति संख्या के हिसाब से नहीं दी गई थी। लेकिन, आवेदन में संख्या 80,000 बताई गई थी, पर यह उससे कहीं अधिक थी। उन्होंने यह भी बताया कि कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
 
कहां हुई चूक : सिंह के मुताबिक कार्यक्रम की अनुमति एसडीएम ने कुछ शर्तों के साथ आयोजकों को दी थी, जैसे कि आयोजकों को कार्यक्रम की व्यवस्था करनी होगी, लेकिन आयोजकों की ओर से कई चूक हुई है। उन्होंने कहा कि जहां तक प्रशासनिक लापरवाही की बात है तो एडीजी जोन और अलीगढ़ की मंडलायुक्त द्वारा इसकी पूरी जांच की जाएगी और 24 घंटे के अंदर जो रिपोर्ट आएगी उस आधार पर शासन कार्रवाई करेगा।
Edited by : Nrapendra Gupta 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

हाथरस हादसा: नारायण साकार के चरणों की धूल को लेकर मची भगदड़, क्या कह रहे हैं श्रद्धालु- ग्राउंड रिपोर्ट