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क्या है जामिया हिंसा की सचाई, 3 नए वीडियो सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस पर उठे सवाल

क्या है जामिया हिंसा की सचाई, 3 नए वीडियो सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस पर उठे सवाल
, सोमवार, 17 फ़रवरी 2020 (09:54 IST)
नई दिल्ली। 15 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के 3 नए वीडियो सामने आए हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस पर सवाल खड़े हो गए हैं।
वीडियो के सामने आने के बाद मामला फिर गर्मा गया है। वीडियो में सुरक्षाबल डंडों से छात्रों को पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि वीडियो जामिया की लाइब्रेरी का है, जहां छात्र पढ़ रहे थे और सुरक्षाबल अचानक से घुसकर छात्रों को पीट रहे हैं।
 
वीडियो के सामने आने के बाद से दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार सवालों के घेरे में है। इस पूरे मामले पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर (क्राइम) प्रवीण रंजन ने कहा है कि पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।

Exclusive CCTV Footage of Police Brutality in Old Reading Hall, First floor-M.A/M.Phill Section on

15/12/2019
Shame on you @DelhiPolice @ndtvindia @ttindia @tehseenp @RanaAyyub @Mdzeeshanayyub @ReallySwara @ANI @CNN @ReutersIndia @AltNews @BBCHindi @the_hindu @TheQuint @BDUTT pic.twitter.com/q2Z9Xq7lxv

— Jamia Coordination Committee (@Jamia_JCC) February 15, 2020

दिल्ली पुलिस की तरफ से जो वीडियो जारी किया गया है, उसमें यह बताया जा रहा है कि पुलिस ने जामिया के छात्रों को पीटा या फिर उन पत्थरबाजों को पीटा, जो तोड़फोड़ करके लाइब्रेरी के अंदर छुप गए थे।

सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ है, हालांकि उसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने इस वीडियो को ट्वीट कर लिखा है, 'ओल्ड रीडिंग हॉल की पहली मंजिल पर एमए और एमफिल सेक्शन में 15 दिसंबर, 2019 को पुलिस बर्बता का एक्सक्लूसिव सीसीटीवी फुटेज। दिल्ली पुलिस शर्म करो।' ट्वीट में दिल्ली पुलिस के ट्विटर हैंडल को भी टैग किया गया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
 
बीते साल 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया के स्टूडेंट्स पर हिंसा फैलाने का आरोप लगा। आरोप के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर हंगामा किया, गाड़ियों और पुलिस वालों पर पथराव किए, आगजनी की थी।

अब दिल्‍ली विधानसभा चुनावों और उसके परिणाम आने के बाद एक बार फिर से सीएए और उसके विरोध को लेकर मामला गर्मा गया है।

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