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सावन-भादौ में हर साल रहती है मंदी, आर्थिक विकास की धीमी गति पर मोदी का बयान

सावन-भादौ में हर साल रहती है मंदी, आर्थिक विकास की धीमी गति पर मोदी का बयान
, सोमवार, 2 सितम्बर 2019 (11:03 IST)
देश में डावांडोल होती अर्थव्यस्था को गति देने के लिए जहां केंद्र सरकार सुधारों की घोषणा कर रही है, वहीं बिहार (Bihar) के उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil kumar Modi) ने मंदी को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया है। मोदी ने कहा कि सावन-भादौ में हर साल मंदी रहती है। मोदी ने इसे मंदी से जुड़े बयानों को लोकसभा चुनावों में हार के बाद इसे विपक्ष की खीज करार दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में मंदी का कोई असर नहीं दिखाई दिया है। राज्‍य में वाहनों की बिक्री में कोई गिरावट दर्ज नहीं की गई है।
 
देश के आर्थिक विकास (Economic Growth) की गति धीमी हो चुकी है। पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर 5.8 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो गई है। केंद्र सरकार देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कई कदम उठा रही है। ऐसे में बिहार के उपमुख्यमंत्री का यह बयान सामने आया है। बैंकों के विलय भी भी हाल में घोषणा की गई है। इसके अलावा आरबीआई से मिले 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए का उपयोग देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में किया जाएगा।  
 
सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से कर्ज देने की क्षमता (लेंडिंग कैपिसिटी) बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किए हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा. वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार...' मोदी ने आगे लिखा कि इस बार मंदी का शोर मचाकर कुछ लोग चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं। बीजेपी नेता ने दावा किया कि बिहार में मंदी का खास असर नहीं है, इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी। केंद्र सरकार जल्द ही तीसरे पैकेज की घोषणा करने वाली है।
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सोशल मीडिया पर यूजर्स ने बयान पर किए कमेंट : सुशील कुमार मोदी के इस बयान को लेकर ट्‍विटर पर यूजर्स ने कमेंट भी किए हैं। विनोद कुमार सिंह ने उनके इस बयान पर लिखा है- सावन-भादौ में त्योहार होता है इसलिए मंदी है जब पित्र पक्ष में आर्थिक ग्रोथ होगा। भारत के नए अर्थशास्त्री सुशील कुमार मोदीजी, पीएचडी अर्थशास्त्र हार्डवर्क घास छिलो विश्वविद्यालय। राजेन्द्र झा नाम के एक यूजर ने लिखा- श्रीमान सुशील मोदीजी मैं भी अर्थशास्त्र का छात्र रहा हूं, लेकिन आपकी यह थ्योरी मेरी समझ में नहीं आई कि सावन और भादौ में हर वर्ष मंदी आती है।

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