Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

होली भाईदूज पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा से मिलेंगे ये 4 फायदे, पढ़ें कथा

Webdunia
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को होली भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने का विधान है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। जहां भाई बहन की रक्षा का वचन देता है वहीं बहन भाई को तिलक करती है। 
 
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार चैत्र कृष्ण द्वितीया यानी होली-धुलेंड़ी के अगले दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। इस वर्ष 30 मार्च 2021 को भगवान चित्रगुप्त का पूजन-अर्चन करके उनकी कृपा पाने के लिए इस दिन उनके मंत्रों  का जाप किया जाता है तथा होली भाई दूज पर भगवान चित्रगुप्त का पूजन करने से निम्न फायदे मिलते हैं- आइए पढ़ें... 
 
1. पुराणों के अनुसार चित्रगुप्त पूजा करने से विष्णुलोक की प्राप्ति होती है।
 
2. चित्रगुप्त की पूजा करने से साहस, शौर्य, बल और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
 
3. भातृ द्वितीया / भैया दूज के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा के साथ-साथ लेखनी, दवात तथा पुस्तकों की भी पूजा की जाती है। इससे विद्या की प्राप्ति होती है।
 
4. इस दिन 'श्री' लिखकर कार्य प्रारंभ करने से कार्य में बरकत बनी रहती है तथा व्यापार में उन्नती बरकरार रहती है।

इस पर्व की कथा के अनुसार भगवान सूर्य की पत्नी का नाम छाया था। शनिदेव, यमराज तथा यमुना उनकी संतान हैं। बेटी यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह उससे बराबर निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो। अपने कार्य में व्यस्ता के कारण यमराज समय नहीं निकाल पाते थे।
 
भाईदूज के दिन यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया। तब यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। अपनी बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है। 
 
बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने स्नान कर पूजन करके भाई को पकवानों का भोजन कराया। 
 
यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन से कहा कि मांगो क्या वर मांगना चाहती हो। तब यमुना ने कहा कि भ्राताश्री आप इसी प्रकार प्रति वर्ष इस दिन मेरे घर भोजन करने आया करो। साथ ही जो भी बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार के साथ भोजन करवाती है और उसे टीका करती है उस भाई को आपका भय न रहे। 
 
यमराज ने तथास्तु कहा और यमुना को अमूल्य वस्त्र-आभूषण आदि देकर यमलोक की ओर चले गए। इस संबंध में ऐसी मान्यता है कि जो आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यमराज का भय नहीं रहता है, इसीलिए होली के दूसरे दिन भाईदूज/ भातृ द्वितीया/ भाईदोज को प्रतीक स्वरूप में गोबर के यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है तथा बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके लंबी उम्र की कामना करती है। यह दिन भ्रातृ द्वितीय के नाम से भी प्रसिद्ध है। 

ALSO READ: आप किस उम्र में सुख और किस उम्र में दु:ख भोगेंगे, जानिए

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

આગળનો લેખ
Show comments