नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर हैं। ट्रंप मंगलवार को दिल्ली में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सोमवार को ट्रंप की भारत यात्रा के शुरुआत वाले दिन ही शाम को दिल्ली में हिंसा, आगजनी और पथराव हुआ तथा पुलिस पर गोलियां चलाई गईं।
ट्रंप के भारत दौरे से दुनिया के तमाम मीडिया का जमावड़ा है। ट्रंप ने 'नमस्ते ट्रंप' के अपने भाषण में कहा था कि भारत में लोग सद्भाव से रहते हैं और ऐसा धार्मिक सद्भाव कहीं नजर नहीं आता है।
ऐसे में कौन है, जो भारत की नकारात्मक छवि पेश की करने की साजिशें रच रहा है? कौन हैं ये पत्थरबाज जो मुंह पर कपड़ा बांधे अमन की हवा में हिंसा का जहर घोल रहे हैं?
राष्ट्रपति ट्रंप के दौरे के बीच सीएए का विरोध एक सोची-समझी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने धार्मिक समानता का मुद्दा उठा सकते हैं।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे को ध्यान में रखकर सुनियोजित तरीके से रची गई। मैं इसकी निंदा करता हूं। सरकार इस प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी। इसके लिए जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हिंसा के बाद राजनीतिक दल एक-दूसरे पर इसका आरोप लगा रहे हैं। दिल्ली में सीएए के विरोध में पिछले करीब 3 महीनों से प्रदर्शन हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि सुरक्षा एजेंसियां पहले चौकन्नी क्यों नहीं हुई? पुलिस को उन इलाकों में तैनात क्यों नहीं किया गया, जो संवेदनशील थे।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार ट्रंप के सामने इस मुद्दे को बड़ा बनाने के उद्देश्य से ही दिल्ली में हिंसा भड़काई जा रही है। अगर गृह मंत्रालय को यह जानकारी थी तो उसने पहले से सुरक्षा के कदम क्यों नहीं उठाए?