Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

नेताजी का खजाना लूटने वाले को नेहरू ने दिया था इनाम!

नेताजी का खजाना लूटने वाले को नेहरू ने दिया था इनाम!
नई दिल्ली , शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2016 (10:30 IST)
नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर हुए एक अहम खुलासे में पता चला है कि नेताजी ने आजाद हिंद फौज को खड़ा करने के लिए जो धन एकत्र किया था उसे उन्हीं के खास लोगों ने लूटा था। इस पूरे मामले की जानकारी तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को थी और उन्होंने खजाना लूटने के वाले अधिकारी को पब्लिसिटी एडवाइजर बना दिया था।

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने 23 जनवरी को नेताजी से जुड़ी 100 फाइलों को नेशनल आर्काइव्स में डिक्लासिफाई किया था। इसी में से एक फाइल नंबर- 25/4/NGO-Vol 3 में नेताजी के खजाने का जिक्र है।

हाल ही में सार्वजनिक हुई फाइलों से पता चला है कि खजाना लूटे जाने की बात नेहरू सरकार को पता थी। 1951 से 1955 के बीच टोक्यो और नई दिल्ली के बीच इस बारे में पत्राचार भी हुआ था।

दस्तावेज से मिली जानकारी के मुताबिक, जवाहर लाल नेहरू को जापान सरकार ने इस बारे में सूचना भी दी थी, बावजूद इसके उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की थी। दस्तावेजों के मुताबिक नेताजी के करीबी ए. अय्यर और एम. रामामूर्ति पर ही खजाना लूटने का आरोप है। खजाने में 80 किलो से ज्यादा सोना था।

फाइल्स के मुताबिक, टोक्यो मिशन के हेड केके चतुर ने 21 मई 1951 को कॉमनवेल्थ रिलेशन सेक्रेटरी बीएन चक्रवर्ती को खजाने के इस बारे में लिखा था। चतुर ने बोस के दो साथियों प्रोपेगेंडा मिनिस्टर एसए अय्यर और इंडियन इंडिपेंडेंस लीग के टोक्यो हेड मुंगा रामामूर्ति पर शक जताया था।

1953 में नेहरू ने खजाना लूटने के आरोपी एएस अय्यर को फाइव ईयर प्लान का पब्लिसिटी एडवाइजर बनाया था।

बताया जा रहा है कि यह सोना आजादी की लड़ाई के लिए देश की औरतों ने दान में दिया था। इसके अलावा यह भी जानकारी मिली है कि हिटलर ने भी चार संदूकों में नेताजी को गहने भरकर भेजे थे। 1945 में इनकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपए थी।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati