नई दिल्ली। मणिशंकर अय्यर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीच कहे जाने पर उठा बवाल उनके निलंबन के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा ने तुरंत इसे गुजरात का अपमान बताते हुए इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है।
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘नीच’ संबोधित करने को जानबूझकर दिया गया जातिवादी बयान करार दिया तथा पार्टी से उनके निलंबन को रणनीतिक बताया एवं लोगों से इस खेल को समझने की अपील की।
जेटली ने ट्वीट किया, 'मणिशंकर अय्यर का प्रधानमंत्री पर ‘नीच’ संबोधन वाला प्रहार जानबूझकर दिया गया जातिवादी बयान है। सुविधा के हिसाब से माफी मांग ली गई है, रणनीति की दृष्टि से उन्हें निलंबित किया गया है। लोगों को यह खेल समझना चाहिए। उन्होंने ने यह कहते हुए अय्यर पर पलटवार किया कि उनका बयान ऐसी मानसिकता को प्रदर्शित करता है कि केवल एक कुलीन परिवार ही शासन कर सकता है।
उससे पहले अय्यर ने मोदी को ‘नीच आदमी’ संबोधित किया था। अय्यर से पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जाने के बरसों बाद तक राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को मिटाने के प्रयास किए जाते रहे लेकिन जिस ‘परिवार’ के लिए ये सब किया गया, उस परिवार से कहीं ज्यादा लोग आज बाबा साहेब से प्रभावित हैं।
अय्यर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री को ‘नीच’ कह कर कांग्रेस पार्टी ने भारत के कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के लोगों को चुनौती दी है।
वित्त मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि लोकतंत्र की ताकत तब प्रदर्शित होगी जब एक कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति राजनीतिक तौर पर वंशवाद और उसके प्रतिनिधियों को पराजित करेगा।
एक अन्य ट्वीट में जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिशंकर अय्यर द्वारा नीच संबोधित करना ऐसी मानसिकता को प्रदर्शित करता है कि केवल एक कुलीन परिवार ही शासन कर सकता है, बाकी सब ‘नीच’ हैं। (भाषा)