Shri Badrinath Ashtakam stotram : भगवान श्री बद्रीनाथ जी का अष्टकम स्त्रोत पढ़ने से सभी तरह के कष्टों का समाधान होता है और जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है। सर्वकार्य सिद्धि हेतु इस पावन अष्टकम का नित्य पाठ करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम में श्री बदरीनाथ जी विराजमान हैं।
श्री बदरीनाथाष्टकम्
श्रीबदरीनाथाष्टकम्
भू-वैकुण्ठकृतावासं देवदेवं जगत्पतिम्।
चतुर्वर्गप्रदातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।
तापत्रयहरं साक्षाच्छान्तिपुष्टिबलप्रदम्।
परमानन्ददातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।
सद्य: पापक्षयकरं सद्य: कैवल्यदायकम्।
लोकत्रयविधातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।
भक्तवाञ्छाकल्पतरुं करुणारसविग्रहम्।
भवाब्धिपारकर्तारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।
सर्वदेवनुतं शश्वत् सर्वतीर्थास्पदं विभुम्।
लीलयोपात्तवपुषं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।
अनादिनिधनं कालकालं भीमयमच्युतम्।
सर्वाश्चर्यमयं देवं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।
गन्धमादनकूटस्थं नरनारायणात्मकम्।
बदरीखण्डमध्यस्थं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।
शत्रूदासीनमित्राणां सर्वज्ञं समदर्शिनम्।
ब्रह्मानन्दचिदाभासं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।
श्रीबद्रीशाष्टकमिदं य: पठेत्प्रयत: शुचि:।
सर्वपापविनिर्मुक्त: स शान्तिं लभते पराम्।।