Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

डोनाल्ड ट्रंप, डोकलाम और बिटकॉइन की भारत में दस्तक

Webdunia
वर्ष 2016-17 की सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटनाओं में दुनिया के सबसे ताकतवर देश संयुक्त राज्य अमेरिका के नए राष्ट्रपति के तौर पर कारोबारी डोनाल्ड ट्रंप को चुना गया। 20 जनवरी 2017 को अपना पदभार ग्रहण करने वाले ट्रंप 9 नवंबर 2016 को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति चुने गए थे जिन्होंने पूर्व विदेशमंत्री और प्रथम महिला हिलेरी रॉधम क्लिंटन (डेमोक्रेटिक प्रत्याशी) को हराया था। अधिक लोकप्रिय मत पाने के बावजूद हिलेरी निर्वाचक मंडल के मतदान में चुनाव हार गईं।
 
भारत और चीन आमने-सामने : इसी वर्ष के दौरान भारत-चीन सीमा पर स्थि‍त एक सड़क निर्माण को लेकर भारतीय सशस्त्र बलों और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच जारी सैन्य सीमा गतिरोध पैदा हुआ। 18 जून 2017 को इस गतिरोध की शुरुआत हुई, जब करीब 300 से 270 भारतीय सैनिकों ने भारत-चीन सीमा पार कर पीएलए को डोकलाम में सड़क बनाने से रोक दिया। यह विवादित क्षेत्र भूटान में है। 
 
9 अगस्त 2017 को चीन ने दावा किया कि केवल 53 भारतीय सैनिक और 1 बुलडोजर अभी भी डोकलाम में हैं। कहने का अर्थ है कि इस समय तक दोनों देशों के सैनिक अपने-अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में वापस लौट गए थे।
 
शी जिनपिंग को जनवादी गणतंत्र चीन का सर्वोच्च नेता चुना गया, जो कि चीन के उपराष्ट्रपति, चीनी साम्यवादी पार्टी के महासचिव, केंद्रीय सैनिक समिति के अध्यक्ष और केंद्रीय पार्टी विद्यालय के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्हें 15 नवंबर 2012 में चीनी साम्यवादी (कम्युनिस्ट) पार्टी का महासचिव घोषित किया गया था। चीनी नामों की प्रथानुसार उनका पहला नाम 'शी' है और 'जिनपिंग' उनका व्यक्तिगत नाम है इसलिए उन्हें साधारणत: अपने पहले नाम 'शी' से बुलाया जाता है।
 
उन्हें इसी वर्ष के दौरान केंद्रीय समिति का महासचिव, केंद्रीय सैनिक समिति का अध्यक्ष और राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग का अध्यक्ष भी मनोनीत किया गया। उन्होंने हू जिंताओ का स्थान लिया है, जो कि पार्टी की केंद्रीय समिति के पिछले महासचिव बनाए गए थे।
 
ऐतिहासिक रहा मोदी का इसराइल दौरा : इसी वर्ष 4 जुलाई 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इसराइल दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। इस दौरे पर दो करीबी मित्रों के बीच गर्मजोशी देखने को मिली और भारत और इसराइल के कूटनीतिक रिश्तों के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में हो रही इस यात्रा में दोनों देशों की आपसी संस्कृति, रिश्ते तथा सहयोग और ज्यादा मजबूत हुए। यह यात्रा इसलिए भी ऐतिहासिक रही है, क्योंकि पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री इसराइल की यात्रा पर गया था।
 
इसी वर्ष के अगस्त-नवंबर महीनों में अमेरिका और उत्तर कोरिया का तनाव अपने चरम पर रहा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका, उत्तर कोरिया पर इस तरह की कार्रवाई करेगा कि दुनिया ने ऐसा पहले कभी देखा नहीं होगा। उधर प्योंगयांग ने भी अपने आक्रामक तेवर को बरकरार रखते हुए कहा है कि अगर अमेरिका उस पर कोई भी हमला करता है, तो वह उससे हजार गुना ज्यादा बदला लेगा। उत्तर कोरिया ने अपनी परमाणु ताकत का प्रदर्शन करते हुए एक ऐसी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का भी परीक्षण किया जिसके चलते अमेरिका भी उत्तरी कोरिया के परमाणु हमले की जद में आ गया।
 
घोटाले में नवाज शरीफ ने गंवाई कुर्सी : वर्ष के दौरान भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में सत्तारूढ़ पार्टी पीपीपी प्रमुख नवाज शरीफ का पद पनामा गेट घोटाला मामले की भेंट चढ़ गया। नवाज शरीफ पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं कि वे विदेशों में अपनी संपत्तियां एकत्र कर रहे हैं। लेकिन पनामा गेट मामले में उनके खिलाफ पहली बार सबूत सामने आया और 28 जुलाई 2017 को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में शरीफ को दोषी करार दिया। बाद में शरीफ को अपना पद छोड़ना पड़ा।
 
वर्षांत से पहले 7 दिसंबर 2017 को अमेरिकी ने येरुशलम को इसराइल की राजधानी के तौर पर मान्यता दी। दुनियाभर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले का विरोध किया गया लेकिन ट्रंप ने सभी आपत्तियों को दरकिनार कर दिया। 
 
रोहिंग्या शरणार्थी विवाद : वर्ष 2017 को कम्प्यूटर वायरस 'रैनसमवेयर' के चलते भी याद रखा जाएगा जिससे दुनिया के करीब 150 देशों के कम्प्यूटर प्रभावित हुए तो म्यांमार से लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों के बांग्लादेश और भारत में आने से सारी दुनिया का ध्यान आकर्षित हुआ और वर्ष के दौरान यूरोप में भी अलगाववाद की लहर चली जिसके चलते स्पेन के कैटेलोनिया प्रांत ने खुद को अलग देश घोषित कर दिया लेकिन देश की संसद और लोगों ने इस मांग को मान्यता नहीं दी।
 
बिटकॉइन की भारत में दस्तक : वर्तमान में दुनियाभर में 1 करोड़ से अधिक बिटकॉइन हैं और इसने भारत में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। विदित हो कि बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है। आभासी मतलब है कि अन्य मुद्राओं की तरह इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं है और यह केवल एक डिजिटल करेंसी है। यह एक ऐसी करेंसी है जिसको आप न तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं। यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है। अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है।
 
वर्तमान में संसार में बिटकॉइन काफी लोकप्रिय हो रही है। इसका आविष्कार सातोशी नकामोतो (छद्म नाम) नामक एक इंजीनियर ने 2008 में किया था और समूचे संसार में बिटकॉइन काफी लोकप्रिय हो रही है। वर्ष 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था। वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीदकर ऊंचे दामों पर बेचकर कारोबार कर रहे हैं। 

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

Wayanad Election : प्रियंका गांधी ने घोषित की संपत्ति, जानिए कितनी अमीर हैं कांग्रेस महासचिव

cyclone dana : पश्चिम बंगाल-ओडिशा की तरफ तेजी से बढ़ रहा चक्रवात 'दाना', 5 राज्यों में NDRF की 56 टीम तैनात, 150 ट्रेनें रद्द

Jharkhand Election : झारखंड मुक्ति मोर्चा की दूसरी सूची जारी, रांची से चुनाव लड़ेंगी महुआ माजी

सार्वजनिक बयान देकर नियमों का किया उल्लंघन, विपक्ष ने जगदंबिका पाल पर लगाया आरोप

रीवा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 31 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव, बोले CM डॉ. मोहन यादव, उपलब्ध संसाधनों हीरे की तरह तराशेंगे

આગળનો લેખ
Show comments