Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

साल 2016 : वर्षों बाद मिला हॉकी का बड़ा खिताब...

Webdunia
नई दिल्ली। 15 बरस बाद जूनियर विश्व कप जीतकर इतिहास रचने वाले भारतीय युवा खिलाड़ियों ने रियो ओलंपिक की नाकामी का गम भुलाने के साथ बरसों से चला आ रहा बड़े खिताब का अकाल भी दूर कर दिया, जबकि महिला टीम के लिए भी वर्ष 2016 सफलताएं लेकर आया।
 
ऑस्ट्रेलिया के होबर्ट में 2001 में खिताब जीतने के बाद 15 बरस का भारतीय जूनियर टीम का इंतजार साल के आखिर में नवाबों के शहर लखनऊ में खत्म हुआ, जहां बेल्जियम को फाइनल में हराकर मेजबान ने ट्रॉफी अपने नाम की। खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में उतरी भारतीय टीम ग्रुप चरण में कनाडा, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका को हराकर अपराजेय रही, जबकि क्वार्टर फाइनल में स्पेन को परास्त किया।
 
सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को नाकों चने चबवाए और मैच शूटआउट तक खिंच गया जिसमें भारत ने गोलकीपर विकास दहिया के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर 4-2 से बाजी मारी। फाइनल में मुकाबला बेल्जियम से था जिसे 2-1 से हराने में भारत को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। भारत की खिताबी जीत के लिए ही नहीं, बल्कि भारत के हर मैच में खचाखचभरे रहने वाले मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर दर्शकों के उत्साह के लिए भी यह टूर्नामेंट हॉकी प्रेमियों को बरसों तक याद रहेगा।
 
रियो ओलंपिक में भारत ने 36 साल बाद पदक जीतने का मौका गंवा दिया और क्वार्टर फाइनल में बेल्जियम से 1-3 से हारकर बाहर हो गई। खेलों के इस महासमर से पहले सरदार सिंह की जगह गोलकीपर पीआर श्रीजेश को कप्तान बनाया गया था और ग्रुप चरण में आयरलैंड और अर्जेंटीना को हराने के अलावा भारत ने कनाडा से ड्रॉ खेला जबकि जर्मनी से पराजित हुआ। क्वार्टर फाइनल में हालांकि टीम लय नहीं बना सकी और इस बार भी ओलंपिक में झोली खाली रही। महिला हॉकी टीम ने 36 बरस बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।
 
महिला टीम की कप्तान ऋतुरानी को भी अनुशासनात्मक कारणों से टूर्नामेंट से ठीक पहले हटाकर सुशीला चानू को कमान सौंपी गई थी। भारतीय टीम हालांकि पूल चरण से ही बाहर हो गई जिसमें उसने जापान से ड्रॉ खेला जबकि ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और अर्जेंटीना ने उसे हराया। इस साल हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष चुने गए और यह पद हासिल करने वाले वह पहले भारतीय बने।
 
लंदन में जून में हुई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने 34 साल बाद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता। फाइनल में शूटआउट में उसे ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से हराया। भारत के युवा ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया।
 
अक्टूबर में कुआंटन में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता। पूल चरण में भी भारत ने पाकिस्तान को हराया था। महिला टीम भी पीछे नहीं रही और चीन को 2-1 से हराकर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की। साल के आखिर में लड़कियों की अंडर-18 टीम ने बैंकॉक में एशिया कप में कांस्य पदक हासिल करके साल का सुखद अंत किया। भारत ने कांस्य पदक के मुकाबले में कोरिया को 3-0 से हराया। सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने जापान को कड़ी टक्कर दी लेकिन शूटआउट में 4-2 से हार गई।
 
साल का आगाज फरवरी मार्च में गुवाहाटी में दक्षिण एशियाई खेलों से हुआ जिसमें फाइनल में भारतीय टीम पाकिस्तान से 1 गोल से हार गई जबकि महिला टीम ने श्रीलंका को 10-0 से हराकर खिताब जीता। फरवरी मार्च में ही भारत की सीनियर टीम ने दक्षिण अफ्रीका का दौरा करके 5 मैच जीते, 2 हारे जबकि 1 ड्रॉ खेला। अप्रैल में न्यूजीलैंड में महिलाओं के हाकेस बे कप में टीम 6ठे स्थान पर रही।
 
अप्रैल में सुल्तान अजलन शाह कप में भारत ने रजत पदक जीता जिसमें फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने उसे 4-0 से हराया। मई में महिला टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया लेकिन उसे पांचों टेस्ट में पराजय झेलनी पड़ी। मई-जून में डारविन में 4 देशों के महिला आमंत्रण टूर्नामेंट में कांस्य पदक के मुकाबले में जापान ने भारत को 2-1 से हराया। इसके बाद वालेंशिया में 6 देशों के टूर्नामेंट में भारतीय महिला टीम एकमात्र जीत आयरलैंड के खिलाफ दर्ज कर सकी। जुलाई में अमेरिका दौरे पर मेजबान से 1 मैच जीता और 1 हारा जबकि कनाडा को दोनों मैचों में हराया।
 
रोलेंट ओल्टमेंस के मार्गदर्शन में सीनियर पुरुष टीम ओलंपिक की तैयारियों में जुटी थी हालांकि इससे ठीक पहले स्पेन दौरे पर उसने दोनों टेस्ट गंवाए थे। भारत की जूनियर टीम ने कोच हरेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में इस साल अपना जलवा दिखाया। लखनऊ में जूनियर विश्व कप जीतने से पहले वालेंशिया में 4 देशों का टूर्नामेंट जीता जिसमें जर्मनी और बेल्जियम जैसी टीमें थीं।
 
कोच हरेन्द्र सिंह ने इस साल टीम के प्रदर्शन पर संतोष जताते हुए कहा कि विश्व कप में खिताबी जीत भारतीय हॉकी के लिए बहुत मायने रखती है। इसका प्रभाव 2018 में सीनियर विश्व कप में देखने को मिलेगा। भारतीय हॉकी सही दिशा में जा रही है और यह टीम टोकियो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीत सकती है। भारत 2017 में विश्व हॉकी लीग फाइनल और 2018 में सीनियर पुरुष विश्व कप की मेजबानी करेगा। (भाषा)

जरूर पढ़ें

क्‍या अब लुटियंस दिल्‍ली में रहती हैं पूर्व पीएम शेख हसीना, बांग्‍लादेश में क्‍यों नहीं थम रहा बवाल?

पहले दोस्त से सुहागरात का वीडियो बनवाया, फिर करने लगा ब्लैकमेल

शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय को दिग्विजय सिंह की नसीहत

बाल संत अभिनव अरोड़ा से गुस्‍साए स्वामी रामभद्राचार्य, स्टेज से उतारा-कहा नीचे उतरो

शुक्रवार को फिर मिली 25 से ज्‍यादा विमानों को बम से उड़ाने की धमकी

सभी देखें

नवीनतम

क्या जर्मन कारोबारों के लिए चीन की जगह ले सकता है भारत?

इजराइल का ईरान पर पलटवार, IDF की ईरानी सैन्य ठिकानों पर एयर स्ट्राइक

चीन के साथ समझौते का क्या निकला नतीजा, उत्तरी सैन्य कमांडर ने दिया यह बयान

Burger King Murder Case में आरोपी लेडी डॉन अनु धनखड़ नेपाल सीमा से गिरफ्तार

अहमदाबाद में 48 अवैध बांग्लादेशी गिरफ्तार, वापस भेजा जाएगा स्वदेश

આગળનો લેખ
Show comments