भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान के तौर पर विकसित किया जाएगा। साथ ही प्रदेश में हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के मौके पर हिन्दी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को यहां आयोजित 3 दिवसीय 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के आखिरी दिन समापन समारोह के मौके पर ये संकल्प लिए। समापन समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे।
समापन समारोह में अपने संबोधन में चौहान ने कहा कि सम्मेलन की अनुशंसाओं पर केंद्र सरकार अपने स्तर पर कार्यवाही करेगी, लेकिन इसके अलावा प्रदेश सरकार अपने स्तर पर भी कई कदम उठाएगी।
चौहान ने कहा कि प्रदेश में कुछ समय से निष्क्रिय हो गए राजभाषा विभाग को पुनर्जीवित कर उसे संस्कृति विभाग का हिस्सा बनाया जाएगा। उच्च न्यायालय में फैसलों को हिन्दी में उपलब्ध कराए जाने अनुवादकों की व्यवस्था के लिए न्यायालय से बात की जाएगी ताकि फैसले हिन्दी में उपलब्ध कराए जा सकें। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुझावों के अनुसार देश की अन्य भाषाओं के शब्दों को हिन्दी में जोड़ने का काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब उपभोक्ता वस्तुओं पर हिन्दी में नाम लिखा जाएगा। हानिकारक पदार्थों पर चेतावनी भी हिन्दी में लिखी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सरकारी पत्र व्यवहार हिन्दी में किए जाने, राज्य शासन के सभी विज्ञापन हिन्दी में देने, हिन्दी में अच्छे काम करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित करने और हर साल 14 सितंबर हिन्दी दिवस के मौके पर हिन्दी सम्मेलन आयोजित करने की भी बात कही।
मुख्यमंत्री चौहान ने संकल्प लेते हुए कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी के निलंबन या उसे प्रताड़ित करने की कार्रवाई इसलिए नहीं होगी कि वह हिन्दी बोलता है। प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाएं और प्रशासनिक शब्दावली भी हिन्दी में उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य शासन की सभी अधिसूचनाएं भी हिन्दी में जारी की जाएंगी।
सम्मेलन का उद्घाटन गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।