Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

अंग्रेजी को कोसने का नहीं हिन्दी को बढ़ाने का समय-अशोक चक्रधर

Webdunia
शनिवार, 12 सितम्बर 2015 (17:27 IST)
भोपाल। प्रख्यात कवि अशोक चक्रधर ने कहा कि वर्तमान समय अंग्रेजी को कोसने का नहीं हिन्दी को बढ़ाने का है। लिपि का विवाद पहले से ही भाषा में होता आया है। कम्‍प्‍यूटर वर्तमान में इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
 
अशोक चक्रधर ने यह बात 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के तीसरे और अंतिम दिन आज 'संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी' के समानान्तर-सत्र की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ज्ञान की खिड़कियां हमेशा खुली रहती हैं। कम्प्यूटर माध्यम से हिन्दी को प्रोत्साहित करने के लिए हिन्दी में जरूरी सॉफ्टवेयर उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है।
 
सत्र में कम्प्यूटर विशेषज्ञ डॉ. सुजय लेले ने कहा कि भाषा को डिजिटलाइज करने में क्रमबद्धता का ध्यान रखना होगा। ग्रामीण युवाओं को कम्प्यूटर का ज्ञान करवाकर गांव के विकास के लिए मिलने वाली राशि का सही उपयोग किया जा सकता है।
 
भारत कोश पोर्टल के निर्माता आदित्य चौधरी ने कहा कि अब शीघ्र ही उनके पोर्टल पर भारत के सभी 6 लाख 38 हजार 596 गांव का पृथक-पृथक वेब पेज बनाया जाएगा। पेज में संबंधित गांव की आवश्यक जानकारी के साथ वहां की संस्कृति के बारे में भी जानकारी उपलब्ध होगी। 
 
कम्प्यूटर विशेषज्ञ बालेन्दु शर्मा दधीच ने बताया कि वर्तमान में कम्प्यूटर के साथ-साथ गेजेट का भी काफी महत्व है जिसके लिए उपयोगकर्ता नि:शुल्क प्राप्त होने वाले लिनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं। 
 
विशेषज्ञ विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय भाषाओं के लिए सी-डेक द्वारा तैयार किया गया 'स्पर्श' की-बोर्ड काफी उपयोगी है। उन्होंने कम्प्यूटर में शुद्ध हिन्दी टंकण के लिए अधिक प्रभावी स्पेल चेकर एवं ग्रामर चेकर की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि ई-बुक पठनीय के साथ श्रवणीय भी हो।  
 
बेंगलुरु से आईं सुश्री शैली मोदी ने बताया कि आईआईटी एवं आईआईएम के उनके साथियों ने मिलकर 'प्रतिलिपि डॉट कॉम पोर्टल' बनाया है। पोर्टल पर पिछले 9 माह में 3 लाख से ज्यादा पाठक कहानियों का पाठ कर चुके हैं। 
 
मॉरिशस स्थित विश्व हिन्दी सचिवालय के सचिव गुलशन सुखलाल ने कहा कि उनकी चिंता हाईटेक विश्व हिन्दी की है। इसके लिए सचिवालय ने मॉरिशस के साथ अन्य पड़ोसी देशों में अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि हिन्दी में तैयार किए गए सॉफ्टवेयर के लिए मॉरिशस में अच्छा बाजार है।
 
सी-डेक के एमडी कुलकर्णी ने जानकारी दी कि सी-डेक ने एनआईसी के साथ मिलकर एक सर्च इंजन तैयार किया है जिसे अधिक शक्तिशाली बनाने के प्रयास जारी हैं। 
 
कार्यक्रम में परमानंद पांचाल की पत्रिका 'नागरी संगम' तथा डॉ. महेश्वर द्वारा हिन्दी में तैयार किए गए 'शोध समवाय पोर्टल' का विमोचन अतिथियों ने किया।
 
सत्र में उपस्थित विशेषज्ञों एवं श्रोताओं ने सुझाव दिए कि हिन्दी को केवल देवनागरी लिपि में ही लिखा जाए, रोमन अथवा अन्य लिपि में नहीं। हिन्दी दक्षता प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन परीक्षा की व्यवस्था की जाए। हिन्दी के शब्दों का मानकीकरण अवश्य हो। कोर-बैंकिग में अंग्रेजी के साथ हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं की व्यवस्था की जाए। 
 
सत्र में सांसद श्रीमती रीति पाठक, विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस, सत्र संयोजक डॉ. रचना विमल के अलावा देश-विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालय एवं संस्थाओं के‍ हिन्दी विशेषज्ञ, अधिकारी एवं विद्यार्थी मौजूद थे। 
सभी देखें

जरूर पढ़ें

साइबर फ्रॉड से रहें सावधान! कहीं digital arrest के न हों जाएं शिकार

भारत: समय पर जनगणना क्यों जरूरी है

भारत तेजी से बन रहा है हथियार निर्यातक

अफ्रीका को क्यों लुभाना चाहता है चीन

रूस-यूक्रेन युद्ध से भारतीय शहर में क्यों बढ़ी आत्महत्याएं

सभी देखें

समाचार

सिंहस्थ से पहले उज्जैन को मिली 592 करोड़ की सौगात, CM यादव ने किया मेडिसिटी और मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन

LIVE: गुयाना की संसद के विशेष सत्र में बोले PM मोदी- 'यह पसीने और परिश्रम का है रिश्ता'

Delhi Pollution : दिल्ली में बढ़ी CNG और BS-6 वाहनों की मांग

Show comments